माँ-बाप की आँखों में दो बार ही आंसू आते है !
एक तो लडकी घर छोडे तब और दूसरा लडका मुँह
मोडे तब, पत्नि पसंद से मिल सकती है !
मगर माँ तो पुण्य से मिलती है इसलिये पसंद
से मिलने वाली के लिये पूण्य से मिलने वाली को
मत ठुकरा देना ! जब तू छोटा था तो माँ की शय्या गीली रखता
था, अब बडा हुआ तो माँ की आंख गीली रखता है! तू कैसा
बेटा है ? तूने जब धरती पर पहला सांस लिया, तब
माँ-बाप तेरे पास थे अब तेरा फर्ज है कि माता-पिता
जब अंतिम सांस लें, तब तू उनके पास रहे ...
------ मुनि श्री तरुणसागर जी
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