माँ-बाप होने के नाते अपने बच्चों को
खूब पढाना-लिखाना और पढा-लिखाकर खूब
लायक बनाना ! मगर इतना लायक भी मत बना देना कि वह
कल तुम्हे ही ' नालायक' समझने लगे.
अगर तुमने आज यह भूल की तो कल बुढापे में तुम्हें
बहुत रोना पछताना पडेगा! ये बात मैं इसलिये कय
रहा हूं क्योंकि कुछ लोग यह भूल जिंदगी मैं कर चुके
है और वे आज रो रहे है,
अब पछताने से क्या होत है जब चिडियाँ चुग गई खेत !
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